गढ़वा ब्यूरो चीफ डॉ श्रवण कुमार की रिपोर्ट।
एटीएच न्यूज़ 11:- गढ़वा जिले के प्रखंड पूर्व मुखिया विनोद प्रसाद ने कहा कि जब रक्षक ही भक्षक बन जाए तो फिर कौन बचाए यही कहावत झारखंड में चरितार्थ हो रही है। यहां सनातन धर्म को मिटाने के लिए सरकारी स्तर पर गोपनीय रूप से प्रयास किया जा रहा है। कांडी पंचायत के पूर्व मुखिया एवं भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता विनोद प्रसाद ने कहा कि सनातन धर्म को क्षति पहुंचने का झारखंड में सुनियोजित प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि देव भाषा संस्कृत में ही अधिकांश वेद, शास्त्र, ग्रंथ, उपनिषद, उपवेद, वाल्मीकि कृत रामायण आदि लिखे गए हैं। इतना ही नहीं भारत की राष्ट्रभाषा हिंदी की भी जननी संस्कृत ही है। लेकिन सरकारी स्तर पर संस्कृत के साथ क्या किया जा रहा है। वह एक बड़े उदाहरण से पूरी तरह स्पष्ट हो जाएगा। भाजपा नेता ने कहा कि झारखंड के उच्च विद्यालयों में नवीं एवं दसवीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्रों को इस वर्ष अभी तक संस्कृत की पुस्तक नहीं दी गई है। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि और सभी किताबों के लिए संसाधन उपलब्ध था। किताबें छप गईं। उनकी सप्लाई भी हो गई। लेकिन संस्कृत में ऐसी क्या दिक्कत थी कि संस्कृत की किताब अभी तक बच्चे बच्चियों को नहीं दी गई। इसका मतलब साफ है कि सनातन धर्म को क्षति पहुंचाने के लिए संस्कृत के किताबों का वितरण नहीं किया गया है। नतीजा है कि संस्कृत की पढ़ाई बंद है। जिसका परिणाम होगा कि संस्कृत भाषा का ज्ञान नहीं होने के कारण छात्र छात्राओं को आगे चलकर सनातन धर्म से जुड़ी जानकारी नहीं हो पाएगी। इसके साथ ही वे वैदिक शिक्षा से भी वंचित रहेंगे। जानबूझकर यह सुनियोजित प्रयास किया जा रहा है कि सनातन धर्म को हानि पहुंचाई जा सके। विनोद प्रसाद शनिवार को राजकीय कृत जमा दो उच्च विद्यालय कांडी में विद्यालय प्रबंधन समिति की बैठक के आयोजन की जानकारी होने पर उस विद्यालय में इसी उद्देश्य से गए थे और उन्होंने संस्कृत की पुस्तक नहीं मिलने से सनातन धर्म को क्षति पहुंचाए जाने के षड्यंत्र को बैठक के प्रस्ताव में शामिल कराया। इसके साथ ही राजकीय कृत शंकर प्रताप देव उच्च विद्यालय हरिहरपुर, कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय कांडी, पीएम श्री उच्च विद्यालय लमारी कला, अपग्रेड उच्च विद्यालय बरवाडीह सहित कई स्कूलों में पता किया। लेकिन कहीं भी वर्ग 9 एवं 10 के छात्र-छात्राओं के लिए संस्कृत पुस्तक की इस वर्ष आपूर्ति ही नहीं की गई है। इसके पीछे बहुत बड़ा षड्यंत्र काम कर रहा है। दुखद बात है कि इस ओर से तमाम जनप्रतिनिधि भी उदासीन है। अभी तक इतने गंभीर मुद्दे को किसी ने उठाना मुनासिब नहीं समझा। विनोद प्रसाद ने केंद्र सरकार से मांग करते हुए कहा है कि जितना जल्दी हो सके झारखंड के कक्षा 9 एवं 10 के विद्यार्थियों के लिए संस्कृत की पुस्तक की आपूर्ति करें। विनोद प्रसाद ने प्रेस से बात करते हुए कहा कि यह बहुत बड़ा षड्यंत्र है। जिसका वह सभी स्तरों पर पर्दाफाश करके रहेंगे। उन्होंने कहा कि कांडी में सरकारी जमीन उपलब्ध है। उसमें संस्कृत विद्यालय की स्थापना के लिए ग्रामीणों को प्रयास करना चाहिए। इसके साथ ही प्रसिद्ध पर्यटन स्थल सतबहिनी झरना तीर्थ में वैदिक विद्यालय एवं वैदिक महाविद्यालय की स्थापना की जानी चाहिए। ताकि सनातन धर्म को क्षति पहुंचाए जाने के षड्यंत्र को समाप्त किया जा सके।