सबुआ स्कूल की भूमि पर दशकों से अवैध कब्जा के बाद हुआ सीमांकन।

गढ़वा ब्यूरो चीफ डॉ श्रवण कुमार की रिपोर्ट।

 

एटीएच न्यूज़ 11:- कांडी प्रखंड क्षेत्र में कई दशकों से अवैध कब्जे की शिकार सबुआ स्कूल की जमीन का सीमांकन किया गया। मुखिया प्रतिनिधि, पुलिस बल व ग्रामीणों की उपस्थिति में अंचल अमीन ने सीमांकन किया। कांडी प्रखंड क्षेत्र के लमारी कला पंचायत अंतर्गत राजकीय प्राथमिक विद्यालय सबुआ की जमीन पर गांव के ही कुछ लोगों ने कई दशकों से अवैध कब्जा जमाकर उस पर बराबर खेती बारी किया करते हैं। इधर जमीन के अभाव में स्कूल के विद्यार्थी व शिक्षक प्रतिदिन परेशानी झेलते रहे हैं। इस गंभीर मामले को लेकर सदर अनुमंडल पदाधिकारी विजय कुमार को पूरी जानकारी देते हुए कार्रवाई का आग्रह किया गया। अगले ही दिन एसडीओ ने सबुआ गांव पहुंचकर स्कूल की जमीन पर दशकों से अवैध कब्जा से उत्पन्न परिस्थिति का जायजा लिया। मामले को गंभीर पाकर उन्होंने कांडी सीओ राकेश सहाय को जमीन की मापी कराकर डीमार्केशन कराए जाने का निर्देश दिया। साथ ही मौके पर मौजूद लमारी कला पंचायत की मुखिया शशि कुमारी के प्रतिनिधि रिंकू सिंह व बीडीओ को 15वें वित्त से विद्यालय की चहारदीवारी निर्माण का भी निर्देश दिया। ताकि फिर से कोई स्कूल की जमीन पर अवैध कब्जा नहीं जमा सके। इसी आदेश के आलोक में शुक्रवार 12 जुलाई को अंचल अमीन धर्मदेव राम ने कांडी थाना के पुलिस बल, मुखिया प्रतिनिधि रिंकू सिंह व कई ग्रामीणों की उपस्थिति में स्कूल की जमीन की मापी करके सीमांकन करते हुए पत्थर गाड़ दिया। इस मौके पर कब्जा धारी लोग भी उपस्थित थे। इसके बाद सीओ को प्रदान करने के लिए अंचल अमीन ने संपूर्ण कार्यवाही की रिपोर्ट तैयार किया। जिसपर मुखिया प्रतिनिधि रिंकू सिंह, प्रधानाध्यापक नवीन कुमार दुबे व ग्रामीणों के साथ साथ कब्जा धारियों ने भी सहमति स्वरूप हस्ताक्षर व अंगुठे का निशान लगाया। वर्षों से परेशान एचएम ने सीमांकन व खुंटागड़ी के लिए एसडीओ, सीओ व सभी संबंधित लोगों को धन्यवाद देते हुए जल्द से जल्द बाउंड्री निर्माण की गुहार लगाई है। इस मौके पर उक्त के अलावा अक्षयवर चंद्रवंशी, अनोज सिंह, शिवशंकर राम, विदेशी राम, सुनंद कुमार चंद्रवंशी, प्रमोद कुमार, प्रेम शंकर कुमार, कबुतरी देवी, हरिगंगा राम, रवींद्र कुमार साव, सोशिला देवी, लक्ष्मण पासवान, दिलीप पासवान, गुड्डी देवी, विमला देवी व दुलारी देवी सहित कई लोग उपस्थित थे।

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