गढ़वा ब्यूरो चीफ डॉ श्रवण कुमार की रिपोर्ट।
झारखंड:- गढ़वा जिले में भीष्ण गर्मी का प्रकोप हर जीव-जन्तु व पशु-पक्षियों को झेलना पड़ रहा है। जलस्तर भी धरातल से अपना स्थान छोड़ चुका है। वहीं जिले के कांडी प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत 16 पंचायतों के विभिन्न गावों में पानी की समस्या से लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। पशुओं को पानी पिलाने के लिए लोगों को कई किलोमीटर दूर पानी लाने के लिए जाना पड़ रहा है। हरिहरपुर गांव के सीताराम साह, अजय प्रजापति, दुर्गा राम, हरेंद्र राम, अवध रजवार, शिव चबूतरा, रामचंद्र राम, आंगनबाड़ी केंद्र, अमरनाथ राम, सुरेंद्र विश्वकर्मा, रामनाथ ठाकुर, राजेंद्र सिंह के घर के पास चापाकल पूर्ण रूप से खराब स्थिति में पड़ा है। जबकि दुर्गा मंडप के पास डगर व प्राथमिक विद्यालय में लगा जलमीनार मंत्र मुग्ध स्थिति में खड़ा है। न ही उक्त सभी चापाकल व जलमीनार एक बूंद पानी टपकाने में समर्थ है, बल्कि विकास का होना या न होना भी दर्शा रहा है। हलाकी चापाकल व जलमीनारों में सरकार द्वारा लाखों रुपए खर्च कर जनजीवन हेतु लगाया गया है, किंतु खराब स्थिति में पड़े सभी चापाकल व जलमीनारों की मरमत पदाधिकारीगण व जनप्रतिनिधियों द्वारा नहीं करवाया जा पा रहा है। इस स्थिति में भीष्ण गर्मी का भारी प्रकोप लोगों को झेलना पड़ रहा है। वहीं दारीदह गांव स्थित दुर्गा मंडप के पास लगा जलमिनार लगभग एक वर्ष से खराब पड़ा है। जबकी मंझिगावा पंचायत में श्री संकट मोचन हनुमान मंदिर के प्रांगण में जलमिनार व चापकल भी खराब है। वहीं कांडी-चौबे मंझिगावा मुख्य सड़क के किनारे संजय चौबे के घर के पास लगे जलमिनार के सभी सोलर पलेट फूट जाने के कारण उक्त जलमिनार एक बूंद भी पानी देने में आनाकानी कर रहा है। साथ ही चापाकल भी बंद है। जबकि आजाद नगर प्राथमिक विद्यालय के प्रांगण में जलमिनार खराब पड़ा है। वहीं कवलदाग आंगनबाड़ी केंद्र में सोलर पैनल आंधी तूफान में उड़ जाने के कारण जलमिनार अयोग्य हो चुका है। इसी प्रकार पूरे मझीगावा पंचायत में लगभग 10 से अधिक चापाकल खराब स्थिति में पड़ा है। जबकि कांडी प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत प्रसिद्ध सतबहिनी झरना तीर्थ व पर्यटन स्थल स्थित प्राचीन नीम के पेड़ के पास जलमिनार खराब पड़ा हुआ है। यहां राज्य के विभिन्न जिलों से पर्यटक व श्रद्धालु प्रतिदिन काफी संख्या में पहुंचते हैं, जहां श्रद्धालुओं को पानी पीने में असुविधा हो रही है। वहीं लमारी कला पंचायत के रकसही गांव निवासी लखन रजवार के घर के पास चापकल खराब है। जबकि कांडी प्रखंड मुख्यालय स्थित मध्य विद्यालय कांडी, मुख्य बाजार व स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, के पास लगा चापाकल खराब है। वहीं सरकोनी पंचायत के महुली गांव स्थित ईंट भट्ठा व, पतीला गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय के पास भी लगा चापाकल बहुत दिनों से खराब पड़ा है। वहीं बलियारी पंचायत के अमडीहा गांव स्थित ब्रह्म बाबा के पास लगा जलमिनार वर्षों से खराब स्थिति में पड़ा हुआ है। प्राप्त जानकारी के अनुसार इस जलमिनार की सोलर प्लेट वर्षों पहले अज्ञात चोरों द्वारा चोरी कर ली गई थी। न ही चोरों पर कार्यवाई हुई और न ही अब तक भी उक्त जलमीनार दुरुस्त व उपयोगी बन सका। तिमुहान स्थित लगा उक्त जलमिनार राहगीरों के लिए वरदान साबित होता, जब यह जलमिनार पथीकों की प्यास बुझाने का काम आता। यह खबर कई बार प्रिंट व इलेक्ट्रोनिक मीडिया के माध्यम से दिखाई जा चुकी है, किंतु पदाधिकारियों के कान पर जूं तक नहीं रेंग रहा। हास्यपद तो यह की प्रखंड कार्यालय के परिसर में लगा जलमिनार इस प्रकार से खड़ा है, जैसे वह तपती धूप में तपस्या कर रहा हो। उक्त निर्जीव जलमिनार कांडी प्रखंड में हो रहे विकास व हुए विकास का जबरजस्त पोल खोल रहा है। शायद गांव-गांव तक ए.सी में रहने वाले बड़े बाबू तो नहीं पहुंच पा रहे हैं, जहां पेयजल की व्यवस्था पर प्रकाश डाला जा सके। किंतु प्रखंड कार्यालय होने के नाते तो प्रखंड विकास पदाधिकारी व जिले के तमाम वरीय पदाधिकारी भी ध्यान नहीं दे पा रहे हैं। स्थिति ऐसी भयावह है की भीष्ण व तपती गर्मी में भी अपने कामों को लेकर प्रखंड के विभिन्न पंचायतों से प्रतिदिन लोग प्रखंड कार्यालय पहुंचते हैं, जहां ठंडा पानी की किल्लत है। पानी की किल्लत ग्रामीणों को तो है ही, जबकि मवेशियों को भी काफी दिक्कतें हो रही हैं। इस भीष्ण गर्मी में राज्य में कई लोगों की मौत हो चुकी है। इसके बावजूद भी पेयजल आपूर्ति मंत्री व पदाधिकारियों को गढ़वा जिले के सुदूरवर्ती कांडी प्रखंड पर कोई ध्यान नहीं है।