जेएमएम नेता व कांग्रेस के बड़े नेता दोनों में हुई बातचीत लोग कई प्रकार के लगा रहे हैं कयास।

 गढ़वा ब्यूरो चीफ डॉ श्रवण कुमार की रिपोर्ट।

 

एटीएच न्यूज़ 11:- गढ़वा जिले के कांडी क्षेत्र के कांग्रेस के एक कद्दावर नेता व झामुमो नेता के साथ की एक तस्वीर वायरल हो रही है। जिसे देखकर चुनाव का मौसम होने के कारण कई तरह के कयास लगाए जाने लगे हैं। प्रखंड मुख्यालय कांडी स्थित सोनभद्र आदर्श इंटर कॉलेज के सचिव पूर्व मंत्री सह पूर्व सांसद चंद्र शेखर दुबे उर्फ ददई दुबे कॉलेज आए हुए थे। वहीं पर कांडी के प्रखंड प्रमुख सह प्रमुख संघ के गढ़वा जिला व झारखंड प्रदेश अध्यक्ष सत्येंद्र कुमार पांडेय उर्फ पिंकू पांडेय भी दुबे जी से बातचीत करते नजर आ रहे हैं। झारखंड विधानसभा का चुनाव होनेवाला है। जिसका समय यों तो दिसंबर में है लेकिन महाराष्ट्र व हरियाणा विधानसभा का चुनाव अक्टूबर में होने के कारण चुनाव आयोग यहां का चुनाव भी साथ ही निपटाना चाहता है। ऐसे में अगस्त के आखिर या सितंबर के शुरू में चुनाव की घोषणा संभावित है। इस कारण राजनीतिक दल व राजनेताओं का जोड़ तोड़ चालू हो गया है। इसलिए यह मुलाकात चर्चा में आ गयी। हालांकि यह दोनों नेता इंडिया ब्लॉक के ही हैं। दूसरी बात कि झारखंड में झामुमो, कांग्रेस व राजद का गठबंधन है। स्थानीय विश्रामपुर विधानसभा से ददई दुबे 1985, 1990, 2000 व 2010 में चार बार विधायक रह चुके हैं। इस दौरान वे बिहार व झारखंड सरकार में दो बार काबीना मंत्री रहे हैं। इसी बीच वे धनबाद लोकसभा सीट से एक बार वहां का सांसद भी रह चुके हैं। वैसे मूल रूप से वे कोल इंडिया व सेल में मजदूर यूनियन के राष्ट्रीय स्तर के नेता हैं। इस स्थिति में कांग्रेस के एक कद्दावर नेता व झामुमो नेता के बीच मुलाकात व गुफ्तगू चर्चा का विषय बन गया है। हालांकि इस क्षेत्र से पूर्व मंत्री ददई दुबे की पोती के कांग्रेस से विधानसभा चुनाव लड़ने की बात दो तीन साल से चर्चा में है। इधर उनके एक पोता बड़ू दुबे ने भी क्षेत्र भ्रमण करते हुए खुद के कांग्रेस से चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। जबकि प्रमुख संघ के राज्याध्यक्ष पिंकू पांडेय ने भी 3 साल पहले से बतौर झामुमो उम्मीदवार विश्राम पुर से विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा कर रखी है। यदा कदा झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष व मुख्यमंत्री से इनकी मुलाकात व बात से भी इस घोषणा को बल मिलता है। ऐसे में पूर्व सांसद व मंत्री से पिंकू पांडेय की मुलाकात व बात का निहितार्थ लोगों की समझ में नहीं आ रहा है। लेकिन चौक चौराहों पर तरह तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।

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