गढ़वा ब्यूरो चीफ डॉ श्रवण कुमार की रिपोर्ट।
एटीएच न्यूज़ 11:- गढ़वा जिले के स्वास्थ्य विभाग की चिंताजनक चुप्पी से 5 लाख की अनएक्सपायर कामयाब दवाएं फेंक दिए जाने के मामले में 130 दिनों के बाद भी अपराधियों का कोई सुराग नहीं मिल पाया। जबकि इस गंभीर मामले को लेकर कांडी थाना में एफआईआर कराए जाने के बाद भी 128 दिन बीत चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग की संदेहास्पद चुप्पी के कारण पुलिस भी कार्रवाई की दिशा में एक कदम भी आगे नहीं बढ़ पा रही है। इससे साफ जाहिर होता है की स्वास्थ्य विभाग को पता है कि किस संस्था और किन व्यक्तियों के द्वारा इस तरह का अपराधिक कुकृत्य किया गया है। उसे बचाने के लिए ही विभाग ने चुप्पी साध रखी है। मालूम हो कि 16 मार्च 2024 को प्रसिद्ध पर्यटन स्थल सतबहिनी झरना तीर्थ के निकट राजा घटहुआं की तरफ जाने वाले रास्ते के बगल के गड्ढे में बड़े पैमाने पर अनएक्सपायर दवाएं फेंकी हुई पाई गई थीं। इस बात की किसी ने सबसे पहले कांडी प्रमुख सत्येंद्र कुमार पांडेय उर्फ पिंकू पांडेय को सूचना दी थी। उन्होंने मौके पर जाकर स्थिति को सही पाकर इस बात की सूचना मीडिया को दी। मीडिया ने तड़के 3:00 बजे मौके पर पहुंचकर वहां पर रुक कर विभाग एवं पुलिस को सूचना देने का प्रयास किया। मीडिया ने सबसे पहले जिला के सिविल सर्जन को फोन लगाया। बार-बार रिंग होने के बाद भी उनके द्वारा फोन नहीं उठाया गया। उसके बाद कांडी थाना प्रभारी को सूचित किया गया। अहले सुबह थाना प्रभारी गुलशन कुमार गौतम ने मौके पर पहुंचकर दवाओं को जप्त कर थाना ले गए। बताते चलें कि काफी बड़ी मात्रा में दवाएं होने के कारण आजू-बाजू के गांव में से थाना प्रभारी ने एक ट्रैक्टर मंगवाया। ट्रैक्टर की ट्रॉली में कामयाब दवाएं लोड की गईं। जबकि पुलिस की गाड़ी में 6 बोड़ा एक्सपायर दवाएं थाना ले जाई गईं। इस बात की सूचना सूबे के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता को दी गई। मंत्री ने डीसी को पत्र लिखकर जांच एवं कार्रवाई का निर्देश दिया। इसके बाद डीसी के निर्देश पर सिविल सर्जन डॉक्टर अशोक कुमार एवं डीसीएलआर रवीश राज ने कांडी थाना पहुंचकर जप्त की गई दवाओं की जांच किया। जबकि प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ मनीष कुमार सिंह ने कांडी थाना में अज्ञात अपराधियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई। मामले को लेकर थाना कांड संख्या 26/24 दिनांक 18 मार्च 2024 दर्ज किया गया। उसके बाद से स्वास्थ्य विभाग ने बिल्कुल चिंताजनक चुप्पी धारण कर ली। जबकि मीडिया एवं कई समाजसेवियों के द्वारा बार-बार इस गंभीर मामले को लेकर कार्रवाई किए जाने की मांग की जाती रही। इस दिशा में किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं होते देखकर 11 जून 2024 को बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने कांडी अस्पताल के निकट एक दिवसीय धरना देकर जांच एवं कार्रवाई की मांग किया। बावजूद इसके किसी के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी। इसके बाद युवा समाजसेवी दृष्टि यूथ आर्गेनाइजेशन के प्रधान सचिव शशांक शेखर ने 26 जून 2024 को तत्कालीन मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन से भेंट कर इस मामले को लेकर ज्ञापन देते हुए कार्रवाई की मांग किया। सीएम ने तत्काल निजी सचिव को बुला कर कार्रवाई के लिए लिखने का निर्देश दिया। अगले दिन 27 जून 2024 को शशांक शेखर ने झारखंड राज्य के मुख्य सचिव विनय कुमार चौबे एवं भाजपा विधायक भानु प्रताप शाही से मिलकर इस आपराधिक कृत्य को लेकर कार्रवाई किए जाने की मांग की। बावजूद आश्चर्य है कि 130 दिन गुजर जाने के बाद भी अभी तक इस दिशा में किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गई है। कांडी उत्तरी क्षेत्र की जिला परिषद सदस्य सुषमा कुमारी के प्रतिनिधि दिनेश कुमार ने बार- बार कार्रवाई की मांग करते हुए आजीज आकर कहा कि अगले दो-चार दिनों में ही जिला में इस मामले को लेकर ग्रामीणों के साथ धरना दिया जाएगा। इस दौरान मंत्री बन्ना गुप्ता से भी बात करने का बहुत प्रयास किया। लेकिन बात नहीं हो सकी।
क्या कहा सीएस ने :- इस संबंध में जिला के मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी सिविल सर्जन डॉक्टर अशोक कुमार ने कहा कि कुछ हफ्तों पूर्व एसी की अध्यक्षता में सीएस के साथ जांच की गई थी। इसके बाद विभाग के डायरेक्टर इन चीफ, सिविल सर्जन एवं ड्रग इंस्पेक्टर के साथ एक जांच टीम बनी है। जो शीघ्र ही मामले की जांच करेगी।
क्या कहा एसपी ने :- 130 दिन बीत जाने के बाद भी कार्रवाई नहीं होने की बाबत पूछे जाने पर पुलिस अधीक्षक दीपक पांडेय ने कहा कि बार-बार स्वास्थ्य विभाग से जानकारी मांगी जा रही है। लेकिन उनके द्वारा कोई जानकारी नहीं दी जा रही है। इसी कारण कार्रवाई नहीं हो पा रही।
क्या कहते हैं डीसी :- इस गंभीर मामले को लेकर उपायुक्त शेखर जमुआर से बात करने पर उन्होंने कहा कि एफआईआर होने के बाद भी कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है मैं इस मामले की जांच करता हूं।