गढ़वा ब्यूरो चीफ डॉ श्रवण कुमार की रिपोर्ट।
एटीएच न्यूज़ 11:- गढ़वा जिले के कांडी प्रखंड के ग्राम राजा घटहुआं के मेहता टोला अवस्थित आंगनबाड़ी केन्द्र वर्षों से बन्द पड़ा हुआ है,जिसको लेकर शुक्रवार को गांव के दर्जनों के संख्या में पुरुष व महिलाओं ने आंगनबाड़ी केंद्र के समस्या को लेकर युवा समाजसेवी सह विश्रामपुर विधानसभा क्षेत्र के भावी विधायक प्रत्याशी को आंगनवाडी केन्द्र पर बुलाकर आंगनबाड़ी केन्द्र के सेविका रिता देवी पर कई गंभीर आरोप लगाया, ग्रामीण, रुक्मणी देवी,पुनम देवी,संजू देवी,मंजु देवी, कमला देवी, आरती देवी, राजीव मेहता, मनोज मेहता, राजेश्वर मेहता ओमप्रकाश मेहता, शंकर मेहता, रामप्रवेश मेहता उगेन्द मेहता सहित अन्य कई ग्रामीणों ने बताया कि वर्षों पूर्व आंगनबाड़ी केन्द्र भवन का निर्माण किया गया था, परन्तु आज़ तक इस आंगनबाड़ी केन्द्र का संचालन नहीं किया गया जबकि दर्जनों की संख्या में पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चे आंगनबाड़ी केन्द्र में पढ़ने से बन चीत है ग्रामीणों के अनुसार केन्द्र की सेविका अपनी मनमानी ढंग से केन्द्र से लगभग एक किलोमीटर दूर पंडी नदी पार अपने घर पर ही केन्द्र चलातीं है, इतना नहीं सेविका द्वारा मेहता टोला पर गर्भवती धात्री किशोरी महिलाओं के बीच पोषाहार का वितरण कभी नहीं किया गया है। ग्रामीणों ने कई बार आंगनबाड़ी केन्द्र का लिखित शिकायत बालविकास परियोजना पदाधिकारी से शिकायत किया गया। परन्तु अधिकारी एवं पदाधिकारी द्वारा इस विषय पर कोई पहल नहीं किया गया, जिससे इस टोला के कई बच्चे आंगनबाड़ी केन्द्र से मिलने वाले कई लाभों से वंचित हैं आज़ केन्द्र कि हालत यह है कि गोइठा लकड़ी व पशुचरा एवं पशु शेड बना हुआ है व शराबियों का अड्डा बना हुआ है, ग्रामीणों की बात को सुनकर युवा समाजसेवी विकास दुबे ने सबों को विस्वास दिलाते हुए कहा कि सरकार की यह महत्वकांक्षी योजना आंगनबाड़ी केन्द्र था जिसका यह उद्देश्य था कि ग्रामीण तथा सूदूरवर्ती क्षेत्रों में आंगनबाड़ी केन्द्र कि स्थापना कर गरीब मजदूर व किसान के गर्भवती धात्री व किशोरीयो को पोषाहार वितरण कर कुपोषण से बचाया जा सके परन्तु आज़ आंगनबाड़ी केन्द्र विभागीय अधिकारी पदाधिकारीयों के संलिप्तता के कारण भ्रष्टाचार का भेंट चढ़ गया। यह मामला इस केन्द्र के ही नहीं बल्कि पुरे प्रखंड का है मैं इस विषय को लेकर वरीय पदाधिकारी से शिकायत कर सेविका के उपर अवश्य करवाईं करने की मांग करुंगा। इस विषय में बीडीओ सह बालविकास परियोजना पदाधिकारी राकेश सहाय ने कहा कि इस विषय की जांच की जाएगी और यदि मामला सत्य पाया गया तो सेविका के निलंबन की सिफारिश की जाएगी।