गढ़वा ब्यूरो चीफ डॉ श्रवण कुमार की रिपोर्ट।
झारखंड:- गढ़वा जिले के कांडी स्थानीय अस्पताल के प्रांगण में धरना दे रहे सैकड़ो लोगों ने दवा फेंके जाने पर प्रशासन की चिंताजनक चुप्पी को लेकर जब-तक अपराधी नहीं पकड़ा जाता तब तक उग्र आंदोलन की खुली चेतावनी दी। इस दौरान सिविल सर्जन हाय हाय, स्वास्थ्य विभाग हाय हाय, दवा फेंकने वाले अपराधी को गिरफ्तार करो, भारत माता की जय, वंदे मातरम आदि नारे भी लगाए गए। प्रसिद्ध पर्यटन स्थल सतबहिनी झरना तीर्थ के निकट एक बड़े गढ्ढे में करीब 5 लाख की सरकारी नई दवा फेंके जाने के मामले में व्यवस्था की चुप्पी को लेकर कांडी अस्पताल के प्रांगण में स्वयं सेवी संस्था दृष्टि यूथ ऑर्गेनाइजेशन के बैनर तले ग्रामीणों द्वारा एक दिवसीय धरना दिया गया। इस दौरान लोगों ने किसी भी हाल में दवाएं फेंकनेवाले अपराधी को गिरफ्तार कर कड़ी से कड़ी सजा दिलाने की मांग की। दृष्टि यूथ ऑर्गेनाइजेशन के प्रधान सचिव शशांक शेखर ने कहा कि लाखों रुपए की फेंक दी गई दवा मामले में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं करना अधिकारियों द्वारा अपराधी को संरक्षण दिए जाने का प्रमाण है। जबकि इस मामले में उच्च अधिकारियों को राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के द्वारा भी जाँच के आदेश दिए गए थे। उसके बाद 88 दिन में भी कोई कार्रवाई नहीं होने यह स्वत: स्पष्ट हो जाता है। उन्होंने दवा मामले में सीएस गढ़वा के द्वारा अपनी जिम्मेदारी एफआईआर के नाम पर पुलिस के ऊपर थोपे जाने की बात कही। जबकि इस मामले को स्वास्थ्य विभाग चंद मिनटों में पता कर सकता है। आज के बाद भी अपराधी पकड़ा नहीं गया तो डीसी ऑफिस व हेल्थ मिनिस्टर के आवास तक का घेराव करने की युवाओं ने गर्जना के साथ संकल्प लिया। वरिष्ठ पत्रकार प्रियरंजन सिन्हा ने आग बरसते मौसम में भी युवाओं व बुजुर्गों के भारी जुटान को मामले की गंभीरता का प्रमाण बताया। कहा कि मीडिया के द्वारा ही इस मामले को उजागर करने से लेकर अभी तक बार बार प्रमुखता से प्रकाशित करके कार्रवाई के लिए गुहार लगाना जारी रखा गया है। बावजूद इसके व्यवस्था इतनी ढीठ हो चुकी है कि अभी तक कुछ हासिल नहीं हुआ। पूर्व में एक्सपायर दवा फेंके जाने का मामला आता था। पर इस बार बड़े पैमाने पर कामयाब दवाएं फेंक दी गईं। कहा कि इस मामले में जब तक कड़ी कानूनी कार्रवाई नहीं होती है तब तक कांडी के पत्रकार इस अति गंभीर मुद्दे को दबने नहीं देंगे। लोगों से गढ़वा से रांची तक संघर्ष का आह्वान किया। कांडी उत्तरी से जिला परिषद सदस्य सुषमा कुमारी के प्रतिनिधि दिनेश कुमार ने कहा कि प्रखंड में स्वास्थ्य व्यवस्था इतनी लचर है कि इस अस्पताल में यदि कोई गर्भवती महिला आ जाए तो उसे तुरंत ही बेहतर इलाज के नाम पर जिला अस्पताल भेज दिया जाता है। जो जिला अस्पताल पहुंचते तक या तो जच्चा की मृत्यु हो जाती है या बच्चा की। कहा कि यहां की समस्याओं से पदाधिकारी ही नहीं सांसद विधायक भी उदासीन रहते हैं। खबर तो पढ़ते होंगे फिर भी दवा फेंके जाने को लेकर किसी के मुंह से बोल नहीं फूटा। लोगों से परिणाम तक डटे रहने की अपील की। कांडी पंचायत के पूर्व मुखिया विनोद प्रसाद ने कहा कि यही कांडी है कि 2012 एवं 14 में चक्का जाम से लेकर तालाबंदी तक करके एक सप्ताह तक आंदोलन किया था। दवा फेंकने वाला जब तक पकड़ा नहीं जाता है आंदोलन जारी रहेगा। भाजपा किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष रामलाला दुबे ने कहा कि मानवता के प्रति यह बहुत बड़ा अपराध है। मरीज को अस्पताल में दवा मिलती नहीं है और लाखों की दवाएं फेंक दी गईं। फिर भी उन्होंने लोगों से मुकाम तक संघर्ष करने का आह्वान किया। धरना को जितेंद्र चौबे, कृष्णा राम, देवेंद्र प्रजापति, संतोष सिंह, गोरख प्रसाद, गोपाल भारती सहित कई लोगों ने संबोधित किया। सभी ने एक स्वर में यह निर्णय लिया कि यदि प्रखंड कार्यालय के धरना प्रदर्शन से कोई कार्रवाई नहीं होती है तो जिला मुख्यालय तथा उसके पश्चात स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता का भी घेराव किया जाएगा। धरना प्रदर्शन के अंत में उपायुक्त सह अध्यक्ष जिला स्वास्थ्य समिति गढ़वा के नाम एक चार सूत्री मांगपत्र अस्पताल में उपस्थित चिकित्सक डॉ सविता कुमारी को सौंपा गया। प्रदर्शन की पूरी अवधि कांडी थाना प्रभारी गुलशन कुमार गौतम अपने दल बल के साथ डटे रहे। धरना प्रदर्शन में शशिरंजन दुबे, सत्यप्रकाश चौबे, अभिषेक चौबे, दयाशंकर सिंह, पंचायत समिति सदस्य प्रतिनिधि अनूप कुमार, जयप्रकाश सहित सैकड़ों युवा व अभिभावक उपस्थित थे।