संजय कुमार चौरसिया ब्यूरो रिपोर्ट बस्ती.
कलवारी। प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती। ग्रामीण क्षेत्र में रहते हुए भी व्यक्ति बड़ी से बड़ी सफलता हासिल कर सकता है। यह कारनामा कर दिखाया है देवेन्द्र श्रीवास्तव ने। उन्होंने राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा (यूजी) में सफलता प्राप्त कर नीट में 277वां स्थान प्राप्त कर जिले का मान बढ़ाया है।
विकास खण्ड कुदरहा के सिंगही गांव निवासी देवेन्द्र श्रीवास्तव बचपन से ही प्रतिभाशाली रहे। उन्होंने प्राथमिक से लेकर इण्टर तक हर कक्षा में अच्छा प्रदर्शन किया। देवेन्द्र की प्रारंभिक शिक्षा दीक्षा चकदहा स्थित लिटिल फ्लावर स्कूल में हुई। इण्टरमीडिएट तक की शिक्षा यूनिक साइन्स एकेडमी से प्राप्त किया। प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा तक हर कक्षा में देवेन्द्र ने टॉप किया। इण्टर की शिक्षा के बाद एक वर्ष कोटा से तैयारी किया और प्रथम प्रयास में ही नीट परीक्षा में 720 पूर्णांक में 715 अंक प्राप्त कर 277वां रैंक हासिल कर लिया।
देवेन्द्र के पिता अनिल कुमार श्रीवास्तव निजी विद्यालय में अध्यापक हैं और माता पुष्पलता श्रीवास्तव उच्च शिक्षित व कुशल गृहिणी हैं। देवेन्द्र के बड़े भाई शिवेन्द्र श्रीवास्तव ने भी पिछले साल प्रथम प्रयास में ही आईआईटी की प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण कर बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे हैं। अट्ठारह वर्षीय देवेन्द्र ने बताया कि कड़ी मेहनत, लगन और पूर्ण निष्ठा से किया गया कार्य सफलता का मार्ग प्रशस्त करता है। नीट की परीक्षा बहुत सरल है। यदि प्रतिदिन 6 घण्टे मेहनत किया जाय तो आसानी से सफलता मिल सकती है। देवेन्द्र ने अपनी सफलता का श्रेय माता – पिता, बड़े भाई, गुरुजनों और शुभचिंतकों को दिया।