ATHNEWS11:-ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने राज्यपाल रघुबर दास से मिलकर अपना इस्तीफा सौंप दिया है. बीजेडी ओडिशा विधानसभा चुनाव हार गई है. राज्य की कुल 147 सीटों में से उसे केवल 51 सीटें ही मिलीं. बीजेपी ओडिशा की 147 सीटों में से 78 सीटें जीत कर प्रदेश में सत्ता में आ गई है. उसने पिछले 24 साल से शासन कर रहे बीजेडी को बेदखल कर सत्ता छीन ली है. मुख्यमंत्री और बीजेडी प्रमुख नवीन पटनायक हिंजिली विधानसभा सीट से जीत गए, लकिन कंताबांजी से चुनाव हार गए हैं.ओडिशा में बीजू जनता दल अध्यक्ष नवीन पटनायक ने बुधवार को CM पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने भुवनेश्वर में राजभवन जाकर राज्यपाल रघुवर दास को अपना इस्तीफा सौंपा. नवीन पटनायक पिछले 24 साल से राज्य के मुख्यमंत्री थे. मंगलवार 4 जून को लोकसभा चुनाव के साथ ओडिशा में विधानसभा चुनाव के भी नतीजे आए. लोकसभा चुनाव में यहां 21 में से 20 सीटें बीजेपी को मिलीं और एक कांग्रेस को. विधानसभा चुनाव में भी यहां बीजेपी ने बाजी मार ली. 147 सीटों में से 78 सीटों पर बीजेपी ने जीत हासिल की. बीजेडी को सिर्फ 51 सीटें मिलीं.
राज्य में पीएम मोदी का जादू चल गया. बहुमत के साथ बीजेपी ने ओडिशा में जीत हासिल की. अब बीजेपी पहली बार पूर्ण बहुमत से अकेले सरकार बनाएगी. भाजपा ने अब तक मुख्यमंत्री की घोषणा नहीं की है. पार्टी ने PM नरेंद्र मोदी के चेहरे पर ही चुनाव लड़ा. बहुत जल्द भाजपा नई सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती है.
विधानसभा चुनाव में सीएम पटनायक दो सीटों से खड़े थे. एक हिंजिली और दूसरी कंताबांजी. हिंजिली सीट पर तो उन्होंने बीजेपी के शिशिर कुमार मिश्रा को 4636 वोटों से हराया. तीसरे नंबर पर कांग्रेस के रजनीकांत पाढी रहे. पटनायक को 66459 वोट मिले. हिंजली विधानसभा सीट सीएम पटनायक की पांरपरिक सीट रही है. तो वहीं, कांताबंजी में उन्हें हार का मुंह देखना पड़ गया. बीजेपी के लक्ष्मण बाग कांताबंजी सीट से जीत गए. उन्होंने 16344 के भारी मतों से नवीन पटनायक को हरा दिया. तीसरे नंबर पर कांग्रेस के संतोष सिंह सलूजा रहे. लक्ष्मण को 90876 वोट मिले. सीएम नवीन पटनायक को 74543 वोट मिले.आयोग के आंकड़ों को देखें तो ओडिशा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 14 सीटें जीतीं जबकि माकपा को एक सीट मिली. निर्दलीय उम्मीदवारों ने तीन सीटें जीतीं. आंकड़ों पर नजर डालें तो बीजद ने 2019 के विधानसभा चुनाव में 113 सीटें, भाजपा ने 23 सीटें और कांग्रेस ने नौ सीटें जीती थीं. भाजपा-बीजेडी गठबंधन 2000 में ओडिशा में सत्ता में आया था और नवीन पटनायक मुख्यमंत्री बने थे. वर्ष 2009 में बीजेडी ने दोनों दलों के बीच सीट बंटवारे पर बातचीत विफल होने के बाद अपने 11 साल पुराने रिश्ते को तोड़ दिया था. पटनायक ने राज्य में इसके बाद हुए चुनावों में जीत हासिल की थी.दिलचस्प यह है कि दोनों दलों के बीच सीट बंटवारे पर बातचीत इस साल के लोकसभा और विधानसभा चुनावों से पहले भी शुरू हुई थी, लेकिन यह विफल रही. इस बार बीजेडी सुप्रीमो अपनी पार्टी को जीत नहीं दिला पाए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को ओडिशा के लोगों को धन्यवाद दिया और उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी पार्टी उनके सपनों को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी. एक्स पर एक संदेश में प्रधानमंत्री ने कहा कि धन्यवाद ओडिशा! यह सुशासन और ओडिशा की अनूठी संस्कृति का जश्न मनाने की शानदार जीत है. बीजेपी लोगों के सपनों को पूरा करने और ओडिशा को प्रगति की नई ऊंचाइयों पर ले जाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी. मोदी ने कहा कि ओडिशा चुनावों में भाजपा के मेहनती कार्यकर्ताओं के प्रयासों पर बहुत गर्व है.इसी के साथ ओडिशा में बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष मनमोहन सामल ने भी प्रतिक्रिया दी. कहा कि ओडिशा की जनता का धन्यवाद. उन्होंने बीजेपी को जितवाया. कहा कि ओडिशा के लोगों ने परिवर्तन का मूड बना लिया था. ये प्रधानमंत्री मोदी पर लोगों का विश्वास है. इसीलिए उन्होंने बीजेपी को वोट देकर विजयी बनाया.