ग्रामीण स्वास्थ्य सेवक के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रेम त्रिपाठी के नेतृत्व में जिलाधिकारी को सौंपा गया ज्ञापन.

संजय कुमार चौरसिया ब्यूरो रिपोर्ट बस्ती.

संतकबीरनगर। ग्रामीण स्वास्थ्य सेवक वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ प्रेम त्रिपाठी के नेतृत्व में ग्रामीण चिकित्सकों द्वारा गुरुवार को जनपद संतकबीरनगर के जिलाधिकारी व मुख्य चिकित्साधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया। चिकित्सकों ने दिए ज्ञापन में प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में झोला छाप डाक्टरों के प्रशिक्षण तथा रजिस्ट्रेशन कराते हुए उत्पीड़न रोकने की मांग किया है। 

ज्ञापन सौंपते समय जिलाधिकारी संतकबीरनगर से बातचीत के दौरान डॉ प्रेम त्रिपाठी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में झोला छाप के नाम से विख्यात डाक्टर जो कि 24 घण्टे समाज की सेवा में तत्पर रहते हुए सरकार एवं समाज के लिए चिकित्सा के क्षेत्र में रीढ़ की हड्डी की भाँति कार्य करते हैं। सरकार एवं समाज उन सभी स्वास्थ्य सेवकों को उपेक्षा की दृष्टी से देखते हैं। सन्तकबीर नगर जनपद की कुल जनसंख्या 1706706 के सापेक्ष डिग्री धारक डाक्टरों की संख्या 554 है। ऐसी दशा में यदि झोलाछाप डाक्टर ना हों तो शायद समाज की स्वास्थ व्यवस्था चरमरा जायेगी। क्योंकि सन्त कबीर नगर में (झोलछाप) ग्रामीण स्वास्थय सेवकों तथा मेडिकल स्टोर्स की संख्या लगभग 5000 से भी उपर है। वहीं उत्तर प्रदेश में झोला छाप डाक्टरों की संख्या 20 लाख से भी ऊपर है।

जिलाधिकारी को सौंपे ज्ञापन में ग्रामीण चिकित्सकों ने लिखा है कि ग्रामीण स्वास्थ्य सेवकों का जांच के नाम पर उत्पीड़न ना करते हुए उन पर प्राथमिक उपचार करने के मामले में पंजीकृत मुकदमे वापस लिए जाएं। ग्रामीण स्वास्थ्य सेवकों का समय समय पर उनकी योग्यतानुसार बिहार आदि राज्यों की भांति प्रशिक्षण दिया जाए जिससे उनकी कार्यशैली में सुधार होकर सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के लिए कुशल स्वास्थ्य सेवक सेवा कर सकें। ग्रामीण स्वास्थ्य सेवकों को उनके कार्य क्षेत्रों में प्रशिक्षित स्वास्थ्य कार्यकर्ता के रूप में प्राथमिक उपचार का अवसर प्रदान करते हुए जैसे कि (दिल्ली सरकार द्वारा मोहल्ला क्लिनिक)  रेफरल सेंटर के रूप में स्थापित किया जाए जिससे सरकार, स्वास्थ्य सेवक और समाज में समन्वय स्थापित हो सके। ग्रामीण स्वास्थ्य सेवकों को झोलाछाप डॉक्टर के नाम से अपमानित ना करते हुए ग्रामीण स्वास्थ्य सेवक का दर्जा प्रदान किया जाए। ग्रामीण स्वास्थ्य सेवकों का टीबी उन्मूलन, इंद्रधनुष जैसे राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों तथा राष्ट्रीय महामारियों में स्वयं सेवक के रूप में देश सेवा का अवसर प्रदान किया जाए। ग्रामीण स्वास्थ्य सेवकों को यश्वी प्रधानमंत्री जी द्वारा संचालित कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम जिसमें युवाओं को छ:माह का स्वास्थ्य प्रशिक्षण दिया जाता है के स्थान पर प्रशिक्षण दिया जाए जिससे समाज में नए झोला छाप ना तैयार हो सकें।। ग्रामीण स्वास्थ्य सेवकों को स्वास्थ्य सेवा से कार्यमुक्त करने की दशा में योग्यता अनुसार रोजगार गारंटी उपलब्ध कराया जाए जिससे उनके सामने पारिवारिक भरण पोषण की समस्या उत्पन्न ना हो जिससे वह अनुचित कार्यों में संलिप्त नहीं होंगे।।

इस मौके पर मुख्य रूप से जिलाध्यक्ष कमला प्रसाद चौधरी, डॉ लालजी आजाद, डॉ राम सजीवन, डॉ कलेश कुमार सोनी, डॉ राजेश कुमार, डॉ जनार्दन गौतम, डॉ उमा शंकर, डॉ गोपी चन्द, डॉ जय प्रकाश गुप्ता, डॉ अजय कुमार, डॉ गौरी शंकर, डॉ हरीलाल कन्नौजिया, डॉ प्रकाश चन्द, डॉ मायाराम राजभर सहित सैकड़ों चिकित्सक मौजूद रहे।

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