थाना लालगंज से RK चौधरी की रिपोर्ट.
ATHNEWS 11 GROUP बहराइच: महसी तहसील के सौ गांवोंमें छाई दहशत कम होने का नाम नहीं ले रही है। नौ बच्चों समेत दस लोग भेड़ियों का भोजन बन चुके हैं, तो घायल हो चुके 37 लोग अब भी घरों में कैद हैं। चप्पे-चप्पे पर पुलिस, पीएसी समेत अन्य विभागों के अधिकारी कर्मचारी तैनात हैं। बावजूद इसके भेड़ियों की चालाकी वन विभाग को छका रही है।स्कूल सूने पड़े हैं और गलियों में वन विभाग की गाड़ियों का शोर है।
जिन घरों में दरवाजे नहीं हैं, वहां लगवाए जा रहे हैं। बीते पांच माह से घाघरा के कछार में भेड़ियों ने आतंक मचा रखा है। भेड़ियों ने कई परिवारों को कभी न भूलने वाला जख्म दिया है।
हरदी थाना क्षेत्र के कछार में भेड़िए ने मार्च में अचानक हमला शुरू किया। हमले में मक्कापुरवा के एक वर्षीय अख्तर, नकवा की डेढ़ वर्षीय प्रतिभा, कोलैला के आठ वर्षीय किशन, सिंगिया नसीरपुर की चार वर्षीय संध्या, भटौली की पांच वर्षीय खुशबू, कुम्हारनपुरवा की 48 वर्षीय रीता देवी, नठवनपुरवा की ढाई वर्षीय अंजली व खैरीघाट थाना के छह वर्षीय अयांश, नयापुरवा के एक वर्षीय छोटू, मिश्श्रनपुरवा निवासी पांच वर्षीय सायरा को भेड़िया शिकार बना चुका है। 37 से अधिक लोग घायल भी हो चुके हैं। सिसैया निवासी सरवरी ने बताया कि दो माह पहले उनका बेटा शाहिद आंगन में लेटा था। भेड़िया बेटे को उठाकर भागा। मां सरवरी का कहना है कि हिम्मत जुटाकर भेड़िए को घेर लिया। लोगों के पहुंचने पर भेड़िया बच्चे को छोड़कर भाग गया।
औराही के छह वर्षीय राहुल के परिवारजन कहते हैं कि भगवान की इच्छा थी, तो बेटा बच गया। भेड़िया राहुल को चारपाई से उठाकर खेत की ओर ले जा रहा था। यूं कहिए फसल की सुरक्षा के लिए लगाए गए तार में बेटे का कपड़ा फंस गया।