सासाराम :-शहर के गौरक्षणी कुराईच स्थित बजरंग पाठशाला के समीप गत शनिवार की अहले सुबह हुई बृद्ध लाल देव पासवान की हत्या उसके पौत्र अश्विनी पासवान उर्फ नागा ने ही कराया है.इस घटना को अंजाम देने वाले मृतक का पौत्र व विशुनी पासवान का बेटा अश्विनी कुमार व उक्त मोहल्ला निवासी जितेन्द्र सिंह का बेटा शशि कुमार को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. साथ ही एक खोखा व गोली मारने वाला अपराधी शशि कुमार का टी-शर्ट व जींस भी पुलिस ने बरामद की है. इसकी जानकारी रविवार को नगर थाना में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान सदर एसडीपीओ वन दिलीप कुमार ने दी. उन्होंने बताया दोनों गिरफ्तार अपराधियों ने यह पूछ ताछ के दौरान स्वीकार किया है. घटना की साजिश मृतक का पौत्र अश्विनी ने ही रचा था और उसका दोस्त शशि ने लाल देव पर गोली चलाई थी. उन्होंने बताया कि जब लालदेव पासवान टहलने के लिए निकले थे. उसी दौरान अश्विनी बाइक पर शशि को लेकर पहुंचा.उसके बाद शशी ने लाल देव पर गोली चला दी थी. घटना को अंजाम देकर फरार हो गये थे. उन्होंने बताया कि घटना के बाद नगर थानाध्यक्ष राजीव रंजन राय के नेतृत्व में पुअनी दिव्य लता, रामवृक्ष कुमार व रवि रंजन गुप्ता के द्वारा डीआईयू की टीम के सहयोग से 24 घंटे के भीतर उद्भेदन कर लिया गया. अपराधियों की गिरफ्तारी के बाद विभिन्न जगहों पर छापेमारी की गयी. घटना के दौरान गोली मारने वाला अभियुक्त शशी लाल रंग का टी-शर्ट व जींस पहन रखा था. उस दौरान लोगों ने उसके कपड़े से पहचान लिये थे. छापेमारी के दौरान उसकी टी-शर्ट व जींस बरामद किया गया. साथ ही एक खोखा भी बरामद हुआ है.घटना में प्रयुक्त हथियार व बाइक की बरामद नहीं हुआ है. इसके लिए छापेमारी की जा रही है.
काफी दिनों से चल रहा था पारिवारिक विवाद
पुलिस के मुताबिक लाल देव पासवान के घर में लंबे समय से परिवारिक विवाद चल रहा था. क्योकि, मृतक की दो शदियां हुई थी. जिसमें एक पत्नी से तीन बेटे थे व दुसरी पत्नी से दो बेटे . जिसके कारण घर में बंटवारा हो गया था. बंटवारा के बाद घर में पारिवारिक विवाद इतना तेज पनप रहा था. कि एक दूसरे को कोई पसंद नहीं करना चाहते थे.हालांकि, विवाद का अंत नहीं हुआ. लेकिन, दादा व पौत्र की रिश्ता हमेशा के लिए कलंकित बन कर रह गया.
घर में झाड़ फूंक को ले रहता था तनाव मृतक लाल देव पासवान झाड़ फूक भी किया करते थे. उनका प्रतिदिन का नियम था. ब्रह्म मुहूर्त में जग कर स्नान पूजा करने के बाद टहलने के लिए निकलते थे. उसके बाद उनके पास लोग झाड़ फूक करवाने पहुंचे थे. लालदेव की तरह उनकी बहु (अश्विन की मां) भी झाड़ फूंक करती थी. लालदेव अश्विन के परिवार से अलग रहते थे. जिसके कारण एक घर में रहने से लोग अश्विनी की मां के पास न पहुंच कर लालदेव के पास चले जाते थे. उसके लिए भी घर में विवाद होता रहता था. यह पूछ ताछ के दौरान अश्विनी उर्फ नागा ने बताया है.
प्राथमिकी दर्ज कराने वाले का बेटा ही निकला हत्यारा
लालदेव पासवान की हत्या के बाद उनका बेटा बिशुनी पासवान ने नगर थाने में घटना की प्राथमिकी दर्ज कराया है. लेकिन, घटना की पहेली इस तरह उलझ गयी कि जो व्यक्ति अपने पिता की हत्या के बाद थाने में प्राथमिकी दर्ज कराया है. उसका ही बेटा हत्यारोपी है.क्योकि, पुलिस भी इस घटना से जांच कर रही थी कि पहले मृतक का बेटा चेन छीनने का आरोप लगा रहा था. उसके बाद मोबाइल का. जब दोनों चीज घटनास्थल के आसपास से मिला. तो मृतक के बेटे ने चार हजार रुपये की छिनतई की बात करने लगे थे. तब से पुलिस को संदेह हो गया था. और सभी बिंदुओं पर जांच होने लगी. अंत में पौत्र ही हत्या का आरोपी बन गया.