देर है लेकिन अंधेर नहीं :- बचपन में हुआ था गैंगरेप, इंसाफ मिलते-मिलते हो गई जवान .

ग्रेटर नोएडा :- भगवान के घर देर भले ही हो, लेकिन अंधेर नही है। गौतमबुद्ध नगर जिला न्यायालय में एक बच्ची को आठ साल बाद इंसाफ मिला है। एक बच्ची का अपहरण और सामूहिक दुष्कर्म के मामले में दो दोषियों को बीस-बीस साल कारावास की सजा सुनाई। कोर्ट ने दोषियों पर साठ-साठ हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। केस की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश/स्पेशल जज, पाक्सो एक्ट (प्रथम) विकास नागर ने की।

साल 2016 में हुई थी घटना-

विशेष लोक अभियोजक जेपी भाटी ने बताया कि वर्ष 2016 में कासना थाने में एक दस साल की बच्ची के अपहरण और गैंगरेप का मामला दर्ज किया गया था। पीड़ित परिवार के मुताबिक आरोपी बच्ची को घर से बहला फुसलाकर अपने साथ ले गए थे। इसके बाद सामूहिक दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था। इस अपराध में तीन लोग शामिल थे। पुलिस ने पीड़ित पक्ष की शिकायत के आधार पर मुकदमा दर्ज कर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। पूरी जांच पड़ताल करने के बाद आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी।

दो आरोपियों को 20 साल की सजा-

कोर्ट में सुनवाई के दौरान साक्ष्यों के अभाव में एक आरोपी को बरी कर दिया। जबकि, न्यायालय ने दो आरोपी हरवीर निवासी चांचली जेवर और विपिन निवासी सूरजपुर अलीगढ़ को दोषी ठहराया है। न्यायालय ने दोनों दोषियों को 20-20 साल कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने दोनों पर जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना राशि जमा नहीं करने पर छह-छह महीने का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।

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