ATH NEWS 11:-42 बिहार बटालियन एनसीसी कैमूर के दिल्ली पब्लिक स्कूल, भभुआ में चल रहे एन.सी.सी के दश दिवसीय शिविर के आज तीसरा दिन कैडेट को भिन्न-भिन्न प्रकार के प्रशिक्षण दिया गया जिसमे कर्नल धर्मेंद्र सिंह मलिक ने बताया कि कैडेट को मैप रीडिंग, ऑब्सटिक ट्रेनिंग, दिल्ली में होने वाली RDC प्रेड की प्रैक्टिस , थल सेना कैंप में जाने वाले कैडेटों की प्रैक्टिस एवं फायरिंग की भी प्रास्टिक कराई गई इस कैंप के दौरान जो कैडेट अच्छा करेगा उसे आगे प्रेड के लिए भेजा जाएगा । साथ ही अग्नि शमन कर्मियों के द्वारा सoअoपo सुदर्शन पासवान अo गौतम कुमार अoचo अभयजीत राज के द्वारा कैडेटों को अग्नि से सुरक्षा से बचने हेतु भिन्न-भिन्न जानकारियां बताया गया। जिसमे कैडेट को बताया गया की गैस सिलेंडर की आग से अपने आप को बचाव कैसे करे।
*सुरक्षा कैप को नायलॉन धागे से सिलेण्डर के साथ बांध कर रखें। * गैस सिलेण्डर लेते समय एवं रेगुलेटर फीट करने के बाद भी पानी से जाँच ले कि बुलबुला दे रहा है या नहीं।
*जब सिलेण्डर उपयोग में न हो तो वॉल्व पर सुरक्षा कैप लगा दें। * गैस सिलेण्डर हमेशा खड़े रखें। गैस स्टोव को गैस सिलेण्डर के स्तर से सदैव ऊँचे प्लेटफॉर्म पर रखें।
*जलते हुए चुल्हे को पहले रेगुलेटर से उसके बाद स्टोव वाल्य से ही बंद करें। रेगुलेटर का पाईप समय-समय पर साफ करते रहें एवं समय पर पाईप बदल दें। *किचेन में एक सूती कपड़ा भिगों कर हमेशा रखें ताकि आपात स्थिति में आग लगने पर बुझाया जा सके।
*खाना बनाते समय एक बाल्टी पानी के साथ मग अवश्य रखें।
*एक प्रोटेवल अग्निशमन यंत्र 04 Kg ABC टाईप किचेन में अथवा दरवाजे के पास बाहर रखें। *कपड़ों में आग लगने पर भागे नहीं बल्कि जमीन पर लुढ़कें अथवा कम्बल से लपेटकर रोल करें।
*किचेन में हमेशा एक ही सिलेण्डर रखें।
फिर उन्होंने बताया कि क्या नही करना चाहिए।
*सिलेण्डर को यथा संभव बंद स्थान में न रखें।
*चुल्हे पर उबलते हुए चाय, दूध आदि को छोड़कर किचेन से बाहर न जायें।
*खाना बनाते समय दिला-ढ़ाला वस्त्र का प्रयोग न करें।
*अगर किचेन में गैस की गंध आ रही हो तो इलेक्ट्रीक पैनल / स्वीच के साथ छेड़-छाड़ न करें। *माचिस, सिगरेट, लाईटर एवं गैस सिलेण्डर से बच्चों की पहुंच से दूर रखें।
*बच्चों को कभी अकेले रसोई घर में न जाने दें। वही मौके पर फर्स्ट ऑफिसर चंदन कुमार थर्ड ऑफिसर संतोष कुमार CTO ओमप्रकाश कुमार , सुनील कुमार GSA लक्ष्मी कुमारी , परमिला पांडे , सूबेदार मेजर उमेश कुमार , सूबेदार टेक बहादुर छेत्री, नायक सूबेदार परसा राम , BHM ओमप्रकाश सैनी सीनियर कैडेट कृष्णा कुमार , प्रियांशु कुमार ,राजश्री कुमारी , सत्यम सिंह कैडेट दुर्गेश कुमार के साथ कुल 508 कैडेट और 105 थल सैनिक कैंप के लिए औरंगाबाद और गया में प्रशिक्षण ले रहे।