धरना प्रदर्शन के 22वें घंटे जांच टीम पहुंची कांडी उसके बाद क्या हुआ पढ़ें खबर विस्तार।

 गढ़वा ब्यूरो चीफ डॉ श्रवण कुमार की रिपोर्ट।

 

झारखंड:- गढ़वा जिले कांडी प्रखण्ड में धरना प्रदर्शन के 22वें घंटे जिला से पूर्व गठित जांच टीम कांडी पहुंची। यहां जांच टीम के अधिकारियों ने जब्त दवाओं के साथ-साथ संबंधित स्थल का मौके पर निरीक्षण किया। साथ ही बीआरसी में भी जांच की। काफी बड़े पैमाने पर सरकारी अनएक्सपायर दवाएं फेंक दिए जाने के 88 वें दिन ग्रामीणों के द्वारा किए गए एक दिवसीय आक्रोशपूर्ण धरना प्रदर्शन के 22 वें घंटे प्रशासनिक जांच टीम कांडी पहुंची। जांच टीम में शामिल गढ़वा जिला के मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी सह सिविल सर्जन डॉ अशोक कुमार एवं जिला के अपर समाहर्ता मतियस विजय टोप्पो ने कांडी थाना में जप्त करके रखे गए दवाओं का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने दवाओं के बैच नंबर को सूचीबद्ध किया। इसके बाद जांच टीम में शामिल पदाधिकारी ने सतबहिनी झरना तीर्थ के निकट उस स्थल को देखा जहां से बड़े पैमाने पर फेंकी हुई दवाएं 16 मार्च 2024 को पुलिस द्वारा बरामद की गई थीं। इस दौरान कांडी थाना के थाना प्रभारी गुलशन कुमार गौतम जी मौजूद थे। मालूम हो कि थाना प्रभारी ने ही मौके से फेंकी हुई दावाओ को बरामद किया था। पदाधिकारी द्वय ने प्रखंड संसाधन केंद्र बीआरसी के स्टोर रूम की जांच किया। इस दौरान वहां पर रखी हुई दवाएं अच्छी स्थिति में नहीं पाई गईं। इस मौके पर जांच दल ने गढ़वा के जिला शिक्षा पदाधिकारी से वर्ष 2018 से अभी तक के रजिस्टर की मांग की। इस दौरान कांडी,मझिआंव एवं बरडीहा प्रखंड संसाधन केंद्र के प्राप्त एवं वितरण की गई दवाओं से संबंधित रजिस्टर की मांग की गई है। जिससे मिलान करके देखा जाएगा की इन प्रखंड संसाधन केदो को कितनी दवाएं प्राप्त हुई है और कितनी मात्रा में संबंधित स्कूलों को वितरण के लिए दिया गया है। मालूम हो कि जिला के स्वास्थ्य विभाग के द्वारा दवाओं को विभिन्न स्वास्थ्य केदो में भेजने के लिए डिस्पैच की जाती है। जबकि मझिआंव से दवाओं को विभिन्न स्वास्थ्य उपकेंद्रों के साथ-साथ इन तीनों बीआरसी कांडी, मझिआंव व बरडीहा को दिया जाता है। उल्लेखनीय है कि फेंकी हुई दवाओं पर लिखे हुए बैच नंबर से स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रेषित दवाओं के बैच नंबर का मिलान करने पर स्वत: ही पता चल जाएगा कि फेंकी हुई दवाएं किसको भेजी गई थीं। वहां से वितरण की स्थिति जान लेने के बाद कितनी दवाएं बच गईं। जिन्हें फेंक दिया गया पता चल जाएगा। इसी चीज को पता करने में अभी तक प्रशासन को 3 महीने लग गए हैं। मालूम हो कि दवाई फेंक जाने के बाद मीडिया के द्वारा इस बात की सूचना झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता को दी गई थी। उन्होंने गढ़वा जिला के उपायुक्त को टीम गठित कर तत्काल जांच करने और दोषियों को चिन्हित कर दंडित करने का आदेश दिया था। उस आदेश के आलोक में सिविल सर्जन डॉ अशोक कुमार एवं जिला के एलआरडीसी रवीश राज को जांच के लिए भेजा गया था। उस टीम ने भी थाना में जाकर दवाओं की जांच की थी। इसके बाद एलआरडीसी ने कांडी थाना में अज्ञात के विरुद्ध दवाएं फेके जाने को लेकर एफआईआर दर्ज कराया था। तब से यह मामला लगातार मीडिया की सुर्खियां बनता रहा है। लेकिन अभी तक दवाएं फेंकने वाले व्यक्ति या व्यक्तियों को चिन्हित नहीं किया जा सका है। इसी मामले को लेकर आक्रोशित युवाओं के द्वारा 11 जून को कांडी हॉस्पिटल के प्रांगण में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया गया है। इस दौरान कहा गया है कि यदि कांडी में दिए गए धरना के बाद भी मानवता के प्रति किए गए अक्षम्य अपराध के दोषियों को गिरफ्तार कर जेल नहीं भेजा गया तो धरना प्रदर्शन का अगला कार्यक्रम समाहरणालय गढ़वा पर आयोजित किया जाएगा। इसके बाद झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के आवास का भी घेराव किया जा सकता है।

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