सासाराम :-जल्दी ले चलो बेड पर. स्ट्रेचर लेकर आएये. ये भाई जरा हाथ लगाना. डॉक्टर कहां हैं? जल्दी से भर्ती कीजिए. इनका नाम व पता बताइये. नहीं पता है. पहले भर्ती कीजिए. ये बेड खाली कीजिए. तभी डॉक्टर आते हैं. क्या हुआ है? सर बाजार समिति से लेकर आ रहे हैं. चुनाव ड्यूटी में लगे थे. अचानक चक्कर खाकर गिर गये. तुरंत डॉक्टर साहब ने पास खड़े जीएनएम को दवा व पानी चढ़ाने का आदेश दिया. ट्रीटमेंट शुरू हो गया. डॉक्टर साहब ने भर्ती पर्ची मांगी, ताकि दवा लिखी जाये. फिर रिसेप्शन पर बैठे व्यक्ति ने जैसे-तैसे नाम पता किया और पर्ची काटकर दिया. तभी फिर एक एंबुलेंस की इंट्री हुई और उसमें से उतरा स्वास्थ्यकर्मी भी स्ट्रेचर उठाने के लिए लोगों को खोजने लगा और कुछ लोग इधर से पहुंचे और उसे भी उठाकर अस्पताल के अंदर लाये. सदर अस्पताल के ट्रामा सेंटर में इलाज शुरू हो गया. हालांकि सुबह में आसमान पूरा बादलों से घिरा था. लोगों की उम्मीद थी कि आज गुरुवार वाली स्थिति नहीं बनेगी. लेकिन, जैसे-जैसे दोपहर होने लगी. सन स्ट्रोक के पीड़ितों की संख्या बढ़ती चली गयी और ट्रामा सेंटर का बेड फुल हो गया. इसमें सबसे अधिक संख्या चुनावकर्मियों की थी, जिसमें मजिस्ट्रेट, पीठासीन पदाधिकारी से लेकर पुलिस के जवान शामिल थे. दोपहर तीन बजे तक इनकी संख्या सात से अधिक हो गयी थी, जिसमें इलाज के दौरान डेहरी नेहरू कॉलेज के प्रोफेसर अभिजीत कुमार (उम्र-38) पिता लालबहादुर की मौत हो गयी. वहीं नागालैंड बल के एक सिपाही बितुल उम्र करीब 45 वर्ष व उमाशंकर राम सीआरपीएफ जवान की स्थिति गंभीर देखते हुए हायर सेंटर को रेफर कर दिया गया. वहीं बिहार पुलिस की ज्योति कुमारी (खगड़िया), नागालैंड बल के शमिम दारकेन, बिहार पुलिस के जवान श्रीराम यादव पिता ब्रजेश यादव (मधुबनी) और नागालैंड बल की महिला जवान एकमोंगला उम्र 34 है.