थाना लालगंज से रामजीत चौधरी की रिपोर्ट.
ATHNEWS 11 GROUP नगर ( बस्ती ) – गलत रिपोर्ट लगाकर आईजीआरएस की धज्जियां उड़ा रही है जिसका मुख्य कारण हल्का सिपाही संजीव कुमार यादव की हल्के में लम्बे समय से तैनाती है । सूत्रों की माने तो हल्का सिपाही संजीव कुमार यादव खजुरिया मिश्र हल्के में लगभग 03 वर्षों से ऊपर समय से तैनात है । हल्का सिपाही संजीव कुमार यादव क्षेत्र में बड़े-बड़े लोगों से सम्पर्क है बड़े – बड़े लोगों से सम्पर्क होने के कारण छोटी मोटी घटनाओं को दबाकर खत्म कर देते हैं और जब कभी क्षेत्र में बड़ी घटना होती है तो मामले में जांच के नाम पर लीपापोती रिपोर्ट लगाकर मामले को रफा दफा कर देते हैं । हल्का सिपाही संजीव कुमार यादव की क्षेत्र में लम्बी तैनती से होने से क्षेत्र में दिन प्रतिदिन घटनाएं बढ़ रही है और गरीब एवं असहाय परिवारों को न्याय के लिए दर – दर भटकना पड़ता है । आपको बता दें कि नगर थाना क्षेत्र के अन्तर्गत ग्राम पंचायत खजुरिया मिश्र में दिनांक – 20-04-2024 को सरोज देवी पत्नी राकेश कुमार के घर के दीवाल को पुरानी रंजिश को लेकर पट्टीदार के सदस्यों ने तोड़फोड़ कर दिया था । जिसकी सूचना पीड़ित सरोज देवी ने 112 पुलिस को दी थी मामला गंभीर देखकर 112 पुलिस ने दोनों पक्षों को नगर थाने पर बुलाया था पीड़ित परिवार ने नगर थाने पर पहुंचकर दीवाल गिराने वाले दबंगों के खिलाफ लिखित शिकायत प्रभारी निरीक्षक जयवर्धन सिंह को दिया था प्रभारी निरीक्षक ने जांच कर कार्रवाई का आवश्वासन दिया था लेकिन 20 दिन बीतने के बाद भी तोड़ फोड़ मामले में न तो कोई जांच करवाया और न ही कोई कार्रवाई किया । पीड़ित सरोज देवी ने न्याय के लिए पुलिस अधीक्षक गोपाल कृष्ण चौधरी से शिकायत किया । पुलिस अधीक्षक ने प्रभारी निरीक्षक नगर से उक्त प्रकरण में की गई कार्रवाई अवगत कराने का निर्देश दिया था । नगर पुलिस ने मामला बझता देख 107, 116 सीआरपीसी की कार्रवाई 14-05-2024 को करके तोड़फोड़ मामले को रफा – दफा कर दिया । आप सोच सकते हैं कि घटना दिनांक – 20-04-2024 को हुई थी और 107 ,116 सीआरपीसी की कार्रवाई 25 दिन बाद हो रही है इससे स्पष्ट है कि नगर पुलिस से गरीब एवं असहाय परिवारों को न्याय मिलना मुश्किल है और नगर पुलिस का सीधा मतलब अपना काम बनता तो भाड़ में जाए जनता की नीति पर लगातार कार्य कर रही है । इस सम्बंध में पुलिस अधीक्षक गोपाल कृष्ण चौधरी ने कहा कि तोड़फोड़ की जांच से पीड़ित संतुष्ट नहीं हैं तो पुनः उक्त मामले जांच की जांच कर विधिक कार्रवाई की जायेगी ।