सासाराम-नगर निगम क्षेत्र के विकास को लेकर बोर्ड की बैठक जरूर हो रही है. अपने-अपने क्षेत्र की समस्याओं को लेकर पार्षद बैठक में आवाज उठाते हैं. बोर्ड की कार्यवाही पंजी में उनके मुद्दे दर्ज हो रहे हैं. लेकिन, धरातल पर वह नहीं उतर पाये हैं. उनके मुद्दे महीनों से बैठक की प्रोसिडिंग में धूल फांक रहे हैं. शनिवार को मेयर काजल कुमारी की अध्यक्षता में इस वित्तीय वर्ष की हुई अंतिम बैठक में पूर्व के लिए गये निर्णयों की समीक्षा हुई, जिसपर नगर आयुक्त यतेंद्र कुमार पाल बेहतर जवाब नहीं दे पाये. ऐसा बैठक समाप्त होने के बाद मेयर ने बताया. उन्होंने कहा कि 20 फरवरी को बोर्ड में लेखा समिति और विषय समिति बनायी गयी थी, जिसमें पार्षदों को शामिल किया गया था. लेकिन, इस संदर्भ में न तो पार्षदों को और न ही अन्य विभागों को पत्र भेजा गया. इसके अलावा बुडको के नल-जल के कार्यों के दौरान कई गलियों को तोड़ दिया गया था, जिसको कार्यालय स्तर से मरम्मत कर बुडको से कटौती करने का निर्णय लिया गया था. लेकिन, यह निर्णय भी प्रोसिडिंग से बाहर नहीं निकली हैं. ऐसे दर्जनों निर्णय हैं, जिसपर नगर के अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की है. इसके अलावा बोर्ड में निगम के राजस्व बढ़ाने पर भी विचार किया गया, जिसमें स्वच्छता कर शामिल है. हालांकि इस संदर्भ में पार्षदों को दर बोर्ड से पहले उपलब्ध नहीं कराया गया था और नगर आयुक्त भी छुट्टी पर थे. ऐसे में इसपर अगली बैठक में विचार करने का निर्णय लिया गया है. इसको अगर लागू किया जाता है, तो 50 बेड से अधिक अस्पतालों से प्रतिमाह 5000 रुपये स्वच्छता कर के रूप में निगम को मिलेगा. वैसे ही मालवाहक वाहनों से भी टैक्स लेने की चर्चा अगली बैठक में होगी. वहीं निगम के विस्तारित क्षेत्र में नल-जल योजना को सुदृढ़ करने के लिए 5.12 करोड़ रुपये खर्च करने की स्वीकृति प्रदान की गयी. साथ ही कुछ छूटी हुई योजना को इसमें शामिल करने का भी निर्णय लिया गया.
पुराने 01 से 40 वार्डों का एलपीसी निगम करेगा जारी—
निगम क्षेत्र में रहनेवाले लोगों को जमीन संबंधित दस्तावेज बनाने में कई समस्याओं से फिलहाल गुजरना पड़ रहा है. खासकर विस्तारित क्षेत्र के भू स्वामियों को अपने जमीन संबंधित दस्तावेज तैयार कराने के लिए पहले प्रखंड और फिर निगम का चक्कर लगाना पड़ रहा है. इस समस्या के समाधान के लिए बोर्ड ने नये क्षेत्रों में होल्डिंग टैक्स निर्धारण करने के लिए सर्वे कराने का निर्णय लिया था. लेकिन, इस संबंध में नगर आयुक्त ने नगर विकास एवं आवास विभाग से मार्गदर्शन मांगा था, जो अबतक नहीं आया है. इस पर बोर्ड ने प्रत्याशा के इंतजार में एनआइटी निकालने का निर्देश नगर आयुक्त को दिया है. इसके अलावा पुराने वार्ड 01 से 40 तक का भूमि स्वामित्व प्रमाणपत्र (एलपीसी) निगम कार्यालय से जारी करने का निर्देश दिया है.
:::स्वच्छता कर का अनुमानित दर:::
दर—- उपभोक्ता की श्रेणी
30-आवासीय घर
00-मलिन बस्ती, पीएम आवास लाभार्थी
150-फुटपाथी दुकान (चाट, समौसा व छोला)
300-दुकान, खानपान के स्थान (मिठाई दुकान, ढाबा व कॉफी हाउस)
1000-रेस्टूरेंट, गेस्ट हाउस, धर्मशाला, हॉस्टल
3000-सितारा होटल व इसके समतुल्य
1500-व्यसायिक कार्यालय, सरकारी कार्यालय, बैंक, बीमा कार्यालय, कोचिंग क्लासेज, शैक्षणिक संस्थान
1250-क्लीनिक, डिसपेंसरी व लैबरोट्रीज
3000-अस्पताल 50 बेड तक
5000-अस्पताल 50 बेड से अधिक
750-लघु व कुटीर उद्योग, वर्कशॉप
1500-गोदाम, कोल्डस्टोरेज
2500-मैरेज हॉल, उत्सव हॉल, प्रदर्शनी व मेला
1000- प्रति घंटा सड़क किनारे भवन निर्माण सामग्री या मलबा रखने पर