चुनावी कार्य से छुट्टी के लिए कर्मियों का नहीं चलेगा कोई बहाना, जांच हेतु मेडिकल बोर्ड गठित।

सासाराम:-जिले में लोक सभा आम निर्वाचन का सातवें चरण के तहत एक जून को मतदान होना है. इसके लिए जिला प्रशासन युद्धस्तर पर तैयारियां कर रहा है. लेकिन, निष्पक्ष और निर्विघ्न चुनाव कराना है तो प्रशासन को बड़ी संख्या में मानव संसाधन यानी कर्मचारियों को बंदोस्त करना होगा. लेकिन, प्रशासन को मानव संसाधन जुटाने की चुनौती बनने लगी है. क्योंकि, चुनाव में ड्यूटी से पहले ही छुट्टी की अर्जी लगाने वाले कर्मियों की भरमार लगने लगी है. ये कर्मी बुखार से लेकर विभिन्न प्रकार के बीमारियों का जिक्र कर छुट्टी की गुहार लगा रहे है. ऐसे में सबको छुट्टी चाहिए तो चुनाव में ड्यूटी कौन करेगा. इसी मामले पर संज्ञान लेते हुए जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिलाधिकारी नवीन कुमार ने मेडिकल बोर्ड का ही गठित कर दी है. जिसके बाद अब बीमारी का बहाना बनाकर चुनावी कार्य से छुट्टी मांगने वाले कर्मियों की एक नहीं चलेगी. क्योंकि, अब गठित मेडिकल बोर्ड की टीम छुट्टी की अर्जी लगाने वाले हरेक कर्मियों की स्वास्थ्य की जांच करेगी. स्वास्थ्य जांच के बाद ही पता चलेगा कि कौन कर्मी बीमारी के बहाने बनाकर छुट्टी लेने की कोशिश की या वास्तव में वह बीमार है. जिन कर्मियों को स्वास्थ्य से परेशानियों हो, उन्हें ही छुट्टी की अर्जी प्रशासन की ओर स्वीकार होगी अन्यथा बहाने बनाने वाले कर्मियों को चुनाव में ड्यूटी देनी होगी.

मेडिकल बोर्ड में ये अफसर व डॉक्टर शामिल-

चुनावी कार्य से छुट्टी की अर्जी लगाने वाले कर्मियों की जांच के लिए गठित की गयी मेडिकल चिकित्सा बोर्ड का नेतृत्व अपर समाहर्ता सह अपर जिला दंडाधिकारी चंद्रशेखर प्रसाद सिंह करेंगे, जो बोर्ड के अध्यक्ष बनाये गये है. इनके अलावे समिति में समन्वयक के रूप में सिविल सर्जन डॉ केएन तिवारी, तो वहीं सदर अस्पताल के कार्यकारी अधीक्षक डॉ प्रमोद कुमार कनौजिया, चिकित्सा पदाधिकारी डॉ बीके पुष्कर, डॉ ब्रजेश कुमार, डॉ अजय कुमार, डॉ राम लखन सिंह, डॉ शशिकांत प्रभाकर, डॉ कन्हाई महतो, डॉ नितू कुमारी व स्थापना उप समाहर्ता को सदस्य बनाया गया है.

तीन दिन बोर्ड करेंगी जांच-

चुनावी कार्य से मुक्त होने की अर्जी लगाने वाले कर्मियों की स्वास्थ्य की जांच के लिए मेडिकल बोर्ड तीन दिन जांच करेगी. प्रशासन के अनुसार, आगामी चार मई, छह मई व सात मई को समाहरणालय परिसर स्थित डीआरडीए के सभागार में मेडिकल बोर्ड बैठेगी, जहां बोर्ड की ओर से छुट्टी की आवेदन करने वाले हरेक कर्मियों की स्वास्थ्य जांच करेगी. यदि उक्त तिथि को छुट्टी मांगने वाले कर्मी शामिल नहीं होते है, तो उन्हें स्वस्थ मानते हुए प्रशासन ड्यूटी देने का काम करेगी.

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