नवरात्रि की शुभकामनाएं के साथ दी भारत की सभ्यता और संस्कृति की जानकारी-पढ़े खबर विस्तार से।

लखनऊ:-एस के डी एकेडमी वृंदावन में अष्टमी के पूजन और मां दुर्गा के नवरात्र की सभी बच्चों और अभिभावकों को शुभकामनाएं प्रेषित की गई । पुरातन संस्कार मंत्रोंउच्चारण के साथ दुर्गा पूजन और हवन के द्वारा भारत की सभ्यता और संस्कृति की सीख प्रेषित की गई।
प्रातः कालीन पाठ चार्य प्रारंभ होने के पहले ही विद्यालय में पूजन व हवन का कार्यक्रम संपन्न हुआ। जिससे सभी बच्चों को हिंदू धर्म के नवरात्रि पर्व के आयोजन की सीख मिल सके और किस प्रकार हवन से वातावरण शुद्ध होता है इसके प्रति सभी लोग जागरूक रह सकें।

अयोजन में उपस्थित शिक्षिका एवं समाजसेविका रीना त्रिपाठी नेबताया जिस प्रकार बौद्धिक संतुष्टि के लिए पढ़ाई की आवश्यकता होती है उसी प्रकार मां के एकाग्रता और आत्मिक संतुष्टि के लिए हमें संस्कारों और प्रकृति के सर्वोच्च सत्ता से एकाकार की आवश्यकता होती है। आज के समय में बच्चे एकाग्रामुखी हो गए हैं सामूहिक रूप से आयोजनों में प्रतिभाग कम करने लगे हैं, मोबाइल के प्रति लगाव बढ़ गया है गेम वा अन्य मोबाइल की गतिविधियों से हटाने का तरीका है कि हम इन आयोजनो में बच्चों को शामिल करें। स्कूलों की जिम्मेदारी है कि बच्चों को मंत्रो के उच्चारण के वैदिक महत्व के बारे में भी बताया जाए।
कॉलेज की प्रधानाचार्य कुसुम बत्रा ने विद्यालय प्रांगण में स्थित मंदिर में रामनवमी के विशेष आयोजन के बारे में भी जानकारी दी तथा सभी अभिभावकों को संस्कार साल के माध्यम से आयोजित इस पूजा पाठ और रीति-रिवाज को बच्चों तक पहुंचाने की बात कही यदि हम घर से संस्कार सिखाते हैं तो हमारी जिम्मेदारी होती है कि उसे पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़े और भारत की प्राचीन सभ्यता और संस्कृति के परचम पूरे विश्व में इन छोटे बच्चों के माध्यम से ही फहराया जा सकता है।
एसकेडी अकादमी से सुभाष तिवारी ने बताया कि होली, दिवाली ,रक्षाबंधन ,जन्माष्टमी जैसे पर्व में भी इस प्रकार का आयोजन किया जाता है और इस आयोजन से बच्चों को अपने तीज त्योहार भारत की सभ्यता और संस्कृति की जानकारी देना ही मुख्य उद्देश्य है। जब बच्चे बड़े होते हैं तो उन्हें पुरातन समय से चले आ रहे अपने संस्कारों का ज्ञान विधि विधान से रहता है। विद्यालय के समस्त स्टाफ में पूजन पाठ करने के बाद प्रसाद और फलाहार वितरण हुआ और उसके बाद पठन-पाठन का कार्य अपने तय समय पर प्रारंभ किया गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!