स्वास्थ्य विभाग का नायाब आपराधिक कारनामा सुन,स्वास्थ्य मंत्री बोले डिटेल्स भेजे,जाँच करवाई जाएगी।

 गढ़वा ब्यूरो चीफ डॉ श्रवण कुमार की रिपोर्ट।

झारखंड :-गढ़वा जिले के कांडी प्रखंड क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग का एक घोर आपराधिक कारनामा प्रकाश में आया है। जिसके तहत एक ट्रैक्टर से अधिक सरकारी दवाएं आबादी से दूर एक गड्ढे में फेंकी हुई बरामद की गई हैं। जिसमें 80 फीसदी दवाओं की एक्सपायरी तिथि 2 साल के बाद की है। कुछ दवाओं की एक्सपायरी आठ महीने के बाद की है। जबकि 20 – 25 फ़ीसदी दवाओं की एक्सपायरी हो चुकी है। एटीएच न्यूज़ 11 से सूचना प्राप्त होने पर कांडी थाना प्रभारी गुलशन कुमार गौतम ने दलबल के साथ मौके पर पहुंचकर दवाओं को जप्त कर थाना ले गए। हजारों मरीजों को मुफ्त में दी जाने वाली दवा को इस तरह से फेंकने का अक्षम्य अपराध किसने किया है पुलिस इसका पता लगाने में जुटी है। कांडी प्रखंड क्षेत्र के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल सतबहिनी झरना तीर्थ के दक्षिण सतबहिनी गेट से राजा घटहुआं गांव जाने वाली सड़क में पंडी नदी के निकट बड़े से गड्ढे में एवं गड्ढे के बाहर तमाम दवाएं फेंकी हुई पाई गई हैं। सूत्रों की मानें तो गाड़ी पर लोड करके इन दवाओं को लाकर फेंक दिया गया है। इसकी सूचना सबसे पहले दवाएं फेंकते हुए देखकर एक गुप्त सूत्र ने कांडी प्रखंड प्रमुख सह झारखंड प्रदेश प्रमुख संघ के अध्यक्ष सत्येंद्र कुमार पांडेय उर्फ पिंकू पांडेय को दी थी। प्रमुख ने इसकी सूचना मीडिया को दी। एटीएच न्यूज़ 11 के स्थानीय पत्रकार ने कांडी थाना के थाना प्रभारी गुलशन कुमार गौतम को शनिवार के अहले सुबह इस जघन्य अपराध की सूचना दी एवं इस संबंध में कांड दर्ज करते हुए छानबीन कर दोषियों को गिरफ्तार कर कड़ी सजा दिलाए जाने की बात कही। थाना प्रभारी गुलशन कुमार गौतम एवं एएसआई प्रबल कुमार महतो ने दल-बल के साथ मौके पर पहुंचकर आसपास के गांव से सहिया एवं कुशहा हेल्थ सेंटर की एक एएनएम एवं ग्रामीणों को मौके पर बुलाया। जबकि वहां पर पहले से ही मीडिया के लोग मौजूद थे। ताकि फेंकी हुई दवाओं को वहां से हटा नहीं दिया जाए। मालूम हो कि बच्चों व बड़ों को दी जाने वाली कृमि नाशक (कीड़ा की दवा) कर्नाटका एंटीबायोटिक्स लिमिटेड की बनी हुई एल्बेंडाजोल सबसे अधिक मात्रा में फेंकी हुई पाई गई है। जिसकी एक्सपायरी तिथि मार्च 2026 है। कुछ एल्बेंडाजोल गोलियों की एक्सपायरी तिथि 2025 की भी है। जबकि आयरन की गोली नेस्टर फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड की बनी हुई फोलिक एसिड के कुछ दवाओं की एक्सपायरी नवंबर 2024 की है। वहीं आधा दर्जन बोड़ा में भरकर एक्सपायर हो चुकी फोलिक एसिड दवाओं की गोलियां भी जप्त की गई हैं। यह बहुत बड़ा आपराधिक कारनामा कांडी प्रखंड क्षेत्र में ही पेश आया है। उल्लेखनीय है कि सरकारी अस्पतालों से प्रमुख रूप से गरीब परिवारों के लोग ही दवाएं लेते हैं। लेकिन दवाओं को इस तरह बेदर्दी से फेंक कर सरकारी अस्पताल पर उनके आशा एवं भरोसे पर कुठाराघात किया गया है। यह मामला गंभीर जांच का विषय है। इस मौके पर सरकोनी पंचायत की सहिया साथी नीलम देवी, डेमा गांव की सहिया प्रमिला देवी, कुशहा हेल्थ सेंटर की एएनएम ज्वालामुखी कुमारी, ग्रामीणों में राजा घटहुआं के रितिक कुमार, विमलेश कुमार, सोनू कुमार, नीरज कुमार, बलराम कुमार एवं विकास कुमार आदि उपस्थित थे। स्वास्थ्य विभाग के कार्यालय सूत्रों का कहना है कि 10 फरवरी से 25 फरवरी तक फाइलेरिया की दवा के साथ कीड़ा की दवा दिए जाने का अभियान चलाया गया था। लेकिन इस दौरान सहिया को घर-घर जाकर अपने हाथों से दवा खिलानी थी। अगर कोई बाद में खा लेंगे कहकर दवा मांगे तो उसे एक भी गोली देने का आदेश नहीं था। एल्बेंडाजोल वितरण के लिए एक टीम आने वाली है। उसकी बैठक के बाद 20 मार्च से कीड़ा की दवाओं का वितरण किया जा सकता है। सूत्र ने कहा कि स्कूलों में छात्र-छात्राओं को कीड़ा की दवा देने के लिए शनिवार एवं बुधवार का दिन निर्धारित है। उसके लिए दवाओं की शिक्षा विभाग के प्रखंड संसाधन केंद्र (बीआरसी) को आपूर्ति की जाती है। फेंकी हुई दवा के विषय में कहा कि यह किसी हेल्थ सेंटर की दवा नहीं लगती है। इसलिए कि किसी भी केंद्र पर इतनी मात्रा में दवाएं उपलब्ध नहीं हैं। हो सकता है कि यह किसी बीआरसी से फेंकी हुई दवा हो। इसकी जांच के लिए हम लोग कांडी थाना जा रहे हैं। दवाओं की जांच पड़ताल से कुछ पता चल सकता है। इस संबंध में थाना प्रभारी गुलशन कुमार गौतम ने कहा कि उच्च पदाधिकारी ने निर्देश दिया कि सनहा दर्ज कर संबंधित विभाग को इसकी सूचना देते हुए जांच करके अनुरोध करने पर प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।तथा इस विषय में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ गोविंद प्रसाद सेठ ने कहा कि यह दवा कहां से आई इसकी जांच कराई जा रही है। वैसे यह दवा किसी स्वास्थ्य केंद्र की नहीं लगती है। वह अभी हेड क्वार्टर में मौजूद नहीं हैं। सोमवार को उपलब्ध होंगे। बावजूद इसके मामले की विभाग द्वारा जांच की जा रही है। इस खबर को सुन सीएस ने बताया कि संबंध में जिला के मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी सिविल सर्जन डॉक्टर अशोक कुमार ने कहा कि यह किस फैसिलिटी से भेजी हुई दवा है। यह बैच नंबर की जांच से पता चल जाएगा। मैंने इसकी जांच का आदेश दे दिया है।

अब क्या कहते हैं मंत्री :- इस संबंध में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि मामले का पूरा डीटेल भेजिए। जांच कराई जाएगी।

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