ATH न्यूज़ 11 से दीपिका की रिपोर्ट।
मझिआंव/बरडीहा (गढ़वा) :-नपं क्षेत्र सहित मझीआंव व बरडीहा प्रखंड क्षेत्र में गत शनिवार की रात्रि अचानक आई आंधी और तूफान से जगह-जगह बिजली के खंभे, तार, विभिन्न टावर कंपनियों के केबल एवं घरों एवं दुकानों के छप्पर क्षतिग्रस्त हो गया वहीं सड़क पर पेड़ गिरने से सड़क मार्ग अवरुद्ध हो गया। आई आंधी तुफान के भूत भोगी प्रखंड क्षेत्र के बोदरा पंचायत के टोला पीहा निवासी लियाकत साईं ने बताया कि रात 10:00 बजे के बाद अचानक आंधी तूफान चलने लगा। उस वक्त मैं अपनी पत्नी नाजरीन खातून एवं बाल बच्चे के साथ छप्परपोश घर के अंदर सो रहे थे। इसी बीच अचानक आंधी तूफान चलने लगी। किसी तरह हम लोग अपने बाल बच्चे के साथ जान बचाकर भाग निकले। और देखते ही देखते तूफान से घर के सीमेंटेड छप्पर चकनाचूर हो गया। और साथ ही मिट्टी के गीलावा से बने घर के ईट भी जहां तहां गिर गई। जिससे हम लोग बाल बाल बच गए।किसी तरह रोजी मजदूरी कर अपने बाल बच्चे के साथ जीवन यापन करते थे। उन्होंने कहा कि भगवान ने उसके आशियाना पर कहर ढा दिए। उसका घर पूरी तरह से नष्ट विनष्ट हो गया। और साथ ही घर के अंदर रखे कपड़ा वगैरह अन्य सामग्री जोरदार हवा में उड़ गई। पूरी रात दूसरे के घर में शरण लिए। ज्ञात हो कि मुक्त भोगी लियाकत साईं ने भाड़े का टेंपो चलाकर अपने परिवार एवं बाल बच्चे का परवरिश करते थे। वे अपनी पत्नी नाजरीन खातून एवं 6 वर्षीय पुत्री मंतशा खातून, 4 वर्षीय पुत्र आशिक शाह, 3 वर्षीय पुत्र फैजान साह, ढाई वर्षीय पुत्र आशिक शाह एवं डेढ़ वर्षीय पुत्री नजमीन खातून सहित घर के अंदर सोए भाई सदाकत सांई सभी लोग बाल बाल बच गए। अगर गहरी नींद में रहते तो ईश्वर ही जाने क्या होता। इधर बताया जा रहा है कि लियाकत साईं सिर्फ मजदूरी करता था। इनके पास ना तो राशन कार्ड बना है। और ना ही सरकारी योजना मिली है। वहीं बाजार स्थित टुकु कमलापुरी सहित अन्य कई लोगों के दुकान और मकान का छज्जा के साथ-साथ मकान का रेलिंग भी टूट कर क्षतिग्रस्त हो गया। और साथ ही भारी भरकम पेड़ नपं क्षेत्र के वार्ड नंबर 7 एवं अन्य गांव एवं टोले में सड़क मार्ग पर गिर जाने से आवागमन पूरी तरह बाधित रहा। तथा पेड़ पौधे के धराशाई होने से उसके पास लगे विद्युत पोल व तार भी चपेट में आकर गिर गए। जिससे समाचार लिखे जाने तक क्षेत्र में बिजली आपूर्ति बाधित थी। इधर तूफान से मुक्त भोगियों ने जिला उपायुक्त शेखर जमुआर से क्षतिग्रस्त हुए लोगों की जांचों उपरांत सरकारी फंड से सुविधा उपलब्ध कराने की मांग किया गया है।