ओरी तोरो निरोखो रे दुलहा कजरों ना करे आवे…. गीत से हुआ भगवान शिव का परिछावन।

सासाराम –ओरी तोरो निरोखो रे दुलहा कजरों ना करे आवे, माई तोरो बउराहीन रे दुलहा अखियों ना देखे आवे… से शुक्रवार को भगवान शिव का परीछावन हुआ. वाक्या था महाशिवरात्री के अवसर पर भगवान शिव के बारात का. शहर के किला मोहल्ले से भगवान शिव की बारात निकली. बारात निकलने से पूर्व शिवजी की परीछावन हुआ. महिलाएं पारंपरिक परिधान व गीतों के साथ परीछावन का रस्म निभाया. भव्य शिव बारात शोभा यात्रा निकाली गई. उसमें शक्ति को ब्याहने(शादी) के लिए देवों के देव महादेव दूल्हा बन कर निकले थे. दूल्हा बने भोलेनाथ के दर्शन को आस्थावान श्रद्धालु उमड़ पड़े. बारात में देवी -देवताओं के साथ भूत -पिशाच, राक्षस, नर कंकाल, सांप, बिच्छू भी शामिल हुए. बारात में देवी-देवताओं की आकर्षक झांकी भी शामिल थी. इनके साथ ही बारात में नवयुवक सिर पर भगवा साफा बांध बारात में शामिल थे. कई युवक बाइक पर सवार होकर बारात में आगे-आगे चल रहे थे. बारात में भोले नाथ के बाल रूप से लेकर अरभंगी रूप का दर्शन एक साथ हो रहा था. बारात शहर के किला मोहल्ला होते हुए चौक बाजार, आलमगंज, बौलियां मोड, जीटी रोड, करनसराय,मदार दरवाजा, नवरतन बाजार होते हुए किला मोहल्ला पुन: किला मोहल्ला पहुंचा. कार्यक्रम की अध्यक्षता श्याम चौरसियां ने की. बारात में भगवती साह, श्याम बिहारी, अनील कुमार, रामू टेकडीवाल, सोनू कुमार, संजय कुमार, लक्ष्मण कुमार गुप्ता, रौशन कुमार गुप्ता आदि शामिल थे.

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