विभिन्न मांगों को लेकर जीविका दीदियों ने कलेक्ट्रेट में किया जोरदार प्रदर्शन, साथ सरकार के विरुद्ध की कई नारेबाजी।

 

सासाराम :-मानदेय नहीं बढ़ा तो सरकार को गिरा देंगे, चाहे कुछ भी हो जाए, हमलोगों का मानदेय बढ़ना चाहिए. अन्यथा, हम लोग काम को छोड़ देंगे. क्योंकि, महंगाई की जमाना में एक मजदूर की दिहाड़ी से भी कम हमलोगों का मानदेय दिया जा रहा है. वह भी टाइम टू टाइम नहीं दिया जाता है. चार महीने से मानदेय के नाम पर एक चवन्नी तक नहीं मिला है. ऐसे में काम कैसे चलेगा. हम लोग भुखमरी के कगार पर आ गये है. लेकिन, हम लोगों के बारे में सरकार कुछ नहीं सोच रही है. ये उक्त बातें जिलेभर से कलेक्ट्रेट में एकत्र हुयी जीविका दीदियों ने आक्रोशित होकर प्रदर्शन करते हुए कहीं. वह विभिन्न मांगों की पूर्ति को लेकर डीएम से मिलने के लिए शनिवार को कलेक्ट्रेट परिसर में पहुंची हुई थी. इस दौरान जीविका दीदियों ने जोरदार प्रदर्शन किया. इस दौरान जीविका दीदियों ने सरकार के विरुद्ध में एक दो नहीं, बल्कि दर्जन प्रकार के नारेबाजी कर अपनी आवाज बुलंद किया और सरकार से मानदेय बढ़ोतरी का मांग की. बिहार प्रदेश जीविका कैडर संघ के बैनर तले प्रदर्शन कर रही आक्रोशित जीविका दीदियों ने कहा कि हम लोगों से कई प्रकार का काम लिया जाता है, चाहें जिला प्रशासन का कोई विशेष अभियान हो या आंगनबाड़ी. बावजूद हम लोगों के मानदेय एक मजदूर की दिहाड़ी  से कम दिया जा रहा है.

दो नहीं, बल्कि 25 हजार रुपये चाहिए मानदेय-

कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन कर रही जीविका दीदियों की समूह ने कहा कि हम लोग के मानदेय प्रति माह दो हजार रुपया दिया जाता है. इस से क्या होने वाला है?  ये ही नहीं, उक्त मानदेय देने में भी सरकार कोताही बरत रही है, समय से नहीं दिया जाता है. जिससे चार महीने से मानदेय के रूप में एक चवन्नी तक नहीं मिला है. इसलिए सरकार से आग्रह है कि हम लोग के मानदेय दो हजार रुपया नहीं, बल्कि 25 हजार रुपया चाहिए. अन्यथा हम लोग काम छोड़ देंगे.

इन मांगों की पूर्ति के लिए जीविका दीदियों ने किया प्रदर्शन-

बिहार प्रदेश जीविका कैडर संघ के बैनर तले जीविका दीदियों ने प्रदर्शन करते हुए मानदेय 25 हजार रुपये करने से लेकर नियुक्ति पत्र व परिचय पत्र निर्गत करने, मानदेय कंट्रीब्यूशन सिस्टम पर अविलंब रोक लगाने, कार्य सेवा नियमित करने, क्षेत्र भ्रमण भत्ता 3000 हजार करने, जीविका दीदियों का ड्रेस कोड लागू करने, जीविका दीदियों का अधिकार क्षेत्र बढ़ाने, जीवीका दीदियों को योग्यता और उम्र के आधार पर प्रोन्नति देने, सामान्य वर्ग के महिलाओं को लोन व दुर्घटना पर चार लाख रुपये की मुआवजा राशि देने आदि मांगे किया.

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